रेंजर्स स्काउट एवं गाइड की वरिष्ठ शाखा है रेंजरिग की शुरुआत स्काउट आंदोलन के संस्थापक बेडेन पावेल द्वारा 1918 में की गई थी। कॉलेज और विश्वविद्यालय में 15 से 25 वर्ष की आयु के नियमित छात्राओं को सूचीबद्ध किया जाता है। 24 रेंजर्स की एक इकाई को रेंजर टीम के नाम से जाना जाता है। कालेज में पंजीकृत रेंजर लीडर के नेतृत्व में रेंजर टीम चलाई जाती है। रेंजर्स के महत्व को देखते हुए हमारे महाविद्यालय में इसकी शुरुआत पिछले वर्ष 2022 से की गई है।

रेंजरिंग में व्यक्तित्व विकास से संबंधित अनेक प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं जैसे फायर फाइटिंग, सामुदायिक विकास कार्यक्रम, सोशल सर्विस, प्राथमिक चिकित्सा, प्राकृतिक आपदा आने पर समाज में सभी प्रभावित लोगों तक सेवा पहुंचाने, जैसे कार्य के अतिरिक्त मनोवैज्ञानिक आधार पर छात्राओं का विकास स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते हुए उत्तरदाई नागरिक बनने में सहयोग करता है।


प्रोफेसर वंदना (समाजशास्त्र विभाग)
रेंजर्स लीडर